"मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा "वसुधैव कुटुम्बकम' और उर्दू साहित्य" विषय पर आधारित तीन दिवसीय "जश्ने उर्दू" 4,5 एवं 6 जनवरी 2025 को गौहर महल भोपाल में " मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा "वसुधैव कुटुम्बकम' और उर्दू साहित्य" विषय पर आधारित "जश्ने उर्दू" माननीय श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, मंत्री संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक एवं धर्मस्व के मुख्यातिथ्य में तथा श्री शिवशेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन और संचालक संस्कृति श्री एन. पी. नामदेव की गरिमामय उपस्थिति में दिनाँक 4,5,6 जनवरी 2025 को गौहर महल भोपाल में किया जा रहा है। आयोजन के अंतर्गत वैचारिक सत्रों के अतिरिक्त सांस्कृतिक सत्र भी सम्पन्न होंगे। आयोजन की थीम के सम्बंध में निदेशक उर्दू अकादमी डॉ नुसरत मेहदी ने बताया कि "अकादमी का यह आयोजन 'वसुधैव कुटुम्बकम' के दर्शन को प्रासंगिक साहित्यिक माध्यमों से जीवंत बनाए रखने की दिशा में एक सार्थक प्रयास होगा। साथ ही, यह आयोजन उर्दू साहित्य की समृद्ध परंपरा को उजागर करते हुए, उसे समकालीन संदर्भों से जोड़ने का प्रयास करेगा।" आयोजन में चर्चा हेतु विषय - उर्दू शायरी में वैश्विक एकता। - उर्दू साहित्य, कथा साहित्य, अनुवाद और उनका प्रभाव। - प्रवासी उर्दू साहित्य का योगदान। - सिनेमा, थिएटर, टेलीविजन और उर्दू भाषा का सामंजस्य एवं इसका वैश्विक प्रभाव। "मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा "वसुधैव कुटुम्बकम' और उर्दू साहित्य" विषय पर आधारित तीन दिवसीय "जश्ने उर्दू" 4,5 एवं 6 जनवरी 2025 को गौहर महल भोपाल में " मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा "वसुधैव कुटुम्बकम' और उर्दू साहित्य" विषय पर आधारित "जश्ने उर्दू" माननीय श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, मंत्री संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक एवं धर्मस्व के मुख्यातिथ्य में तथा श्री शिवशेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन और संचालक संस्कृति श्री एन. पी. नामदेव की गरिमामय उपस्थिति में दिनाँक 4,5,6 जनवरी 2025 को गौहर महल भोपाल में किया जा रहा है। आयोजन के अंतर्गत वैचारिक सत्रों के अतिरिक्त सांस्कृतिक सत्र भी सम्पन्न होंगे। आयोजन की थीम के सम्बंध में निदेशक उर्दू अकादमी डॉ नुसरत मेहदी ने बताया कि "अकादमी का यह आयोजन 'वसुधैव कुटुम्बकम' के दर्शन को प्रासंगिक साहित्यिक माध्यमों से जीवंत बनाए रखने की दिशा में एक सार्थक प्रयास होगा। साथ ही, यह आयोजन उर्दू साहित्य की समृद्ध परंपरा को उजागर करते हुए, उसे समकालीन संदर्भों से जोड़ने का प्रयास करेगा।" आयोजन में चर्चा हेतु विषय - उर्दू शायरी में वैश्विक एकता। - उर्दू साहित्य, कथा साहित्य, अनुवाद और उनका प्रभाव। - प्रवासी उर्दू साहित्य का योगदान। - सिनेमा, थिएटर, टेलीविजन और उर्दू भाषा का सामंजस्य एवं इसका वैश्विक प्रभाव। - आयोजन प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से प्रारम्भ होगा और रात 10 बजे तक जारी रहेगा। अधिक जानकारी कार्ड में देखी जा सकती है। आप सभी सादर साग्रह आमंत्रित हैं डॉ नुसरत मेहदी निदेशक मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी
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