मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा स्थापित ‘आदिवर्त‘ जनजातीय लोककला एवं राज्य संग्रहालय- खजुराहो द्वारा ग्वाल परम्परा की कलाओं ‘मौनिया उत्सव‘ का आयोजन किया गया। किसी भी उत्सव की शुरुआत मंतगेष्वर महादेव की पूजा से की जाती है, और मौनिया भी सबसे पहले इसी महादेव के मंदिर से शुरुआत करते हैं। यहाँ अनोखा नजारा देखने को मिला है, पुरुषो को सुशोभित मौनिया नृत्य जिसमे पुरुषो ने मौन गाकर एवं नाचकर समा बांधा मौनिया उत्सव के मंच पर क्षेत्र से आने वाले मौनियों के लिये विशेष रुप से मंच तैयार किया गया। इस वर्ष यह उत्सव की शुरुआत ‘आदिवर्त‘ संग्रहालय द्वारा किया गया है। विदेशी पर्यटक खजुराहो आकर यहां की संस्कृति में घुलमिल जाते है, और यहां की संस्कृति भी इनको खूब भाती है। मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर माननीय विधायक राजनगर, श्री अरंविद पटेरिया जी की उपस्थिति रही। विधायक जी द्वारा मौनिया मंडिलियो का स्वागत किया गया। विधायक जी ने यहॉ की संस्कृति को और वृहद रुप में किये जाने की घोषणा की है। हलाकि की विधायक जी बुन्देलखण्ड के एक सामान्य ग्रामीण के रुप में जाने जाते हैं, और अपनी सरलता, सहजता के कारण लोगो के दिल में रहते हैं। बचपन में उन्होनें बहुत से सांस्कृति कार्यक्रम में भाग लिया है, इसलिये इनको यहां की सस्कृति से बहुत लगाव है। विधायक जी द्वारा मौनिया नृत्य करने वाली मंडलियों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। प्रथम पुरस्कार श्री को राषि रुपये 11,000/-, द्वतीय पुरस्कार श्री को 5,100/- एवं तृतीय पुरस्कार श्री को 2,100/- से सम्मानित किया गया है।
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