वर्ल्ड डांस अलायंस के एशिया पेसिफिक चैप्टर के माध्यम से उस्ताद अलाउद्दीन ख़ां संगीत एवं कला अकादमी और भारत भवन, भोपाल का संयुक्त आयोजन लयप्रवाह की दूसरी और अंतिम संध्याकालीन सभा में आज कैनेडा और भारत के समकालीन नृत्यों का आनंद उठा सकते हैं। खजुराहो नृत्य महोत्सव के तत्वावधान में वर्ल्ड डांस अलायंस के साथ 6 देशों के समकालीन नृत्य के कलाकारों ने छह दिवसीय कार्यशाला में सहभागिता की। कार्यशाला में भारतीय शास्त्रीय नृत्य के प्रतिष्ठित कलाकार जैसे गीता चंद्रन - भरतनाट्यम, शमा भाटे - कथक, लता सिंह मुंशी - भरतनाट्यम और सोनिया परचुरे - कत्थक के अलावा संगीता शर्मा - समकालीन नृत्य और भरत शर्मा जैसे समकालीन नृत्य कलाकार भी थे। कार्यशाला का उद्देश्य शास्त्रीय और समकालीन नृत्य को एक मंच प्रदान कर नृत्य की नई परिभाषा का संधान करना था जिसमें शास्त्रीय नृत्य की गरिमा, तकनीक और अस्मिता के साथ समकालीनता का रस भी घुला हुआ हो। नाचोम आर्ट्स फाउंडेशन, मणिपुर की एक समकालीन नृत्य संस्था है जिसका उद्देश्य नृत्य के माध्यम से जीवन के विभिन्न अनुभवों को प्रदर्शित करना है। सुरजीत नॉन्गमेपैकम का मानना है कि समकालीन नृत्य के माध्यम से वह स्वयं को बेहतर ढंग से समझकर अनुभव कर पाते हैं। साशर ज़रीफ डांस थिएटर के कलाकार भी आज नृत्य प्रस्तुतियां देंगें। शरीफ अज़रबैजानी मूल के कैनेडा निवासी हैं। उनकी नृत्य प्रस्तुतियों में अज़रबैजान की मिट्टी की खुशबू के साथ साथ सूफी का प्रभाव भी साफ झलकता है। उनका मानना है कि नृत्य एक अनवरत यात्रा है जिसका कोई मुकाम नहीं है। इस यात्रा में जो कुछ मिलता है वही हमें प्रकृति से जोड़कर हमें पूरा करता जाता है।
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